सेक्स थेरेपी क्या है, कैसे काम करती है, और जरूरत क्यों पड़ती है |Adult sex toys Delhi
सेक्स थेरेपी क्या है, कैसे काम करती है, और जरूरत क्यों पड़ती है |Adult sex toys Delhi सेक्स थेरेपी यौन समस्याओं के कारण उत्पन्न परेशनियों के उपचार की एक प्रक्रिया है। आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति का यौन जीवन सुखमय नहीं है तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यौन सुख न मिल पाने के कारण चिड़चिड़ापन, आत्मविश्वास में कमी तो आती ही है, इसके अलावा व्यक्ति अपने पार्टनर से भी नजरें नहीं मिला पाता है। इस स्थिति में हर बार इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि कभी कभी महज बातचीत से ही यह समस्या ठीक हो जाती है। लेकिन इसके लिए व्यक्ति को सेक्स थेरेपिस्ट के पास जाना पड़ता है। आपको बता दें कि सेक्स थैरेपी में किसी भी प्रकार का कोई शारीरिक संबंध (सेक्स या संभोग) नहीं बनाया जाता है।
सेक्स थेरेपी यौन समस्याओं पर बातचीत करने की एक प्रक्रिया या रणनीति है। जिसमें कपल्स या एकल व्यक्ति सेक्स थेरेपिस्ट, सेक्सोलॉजिस्ट या डॉक्टर से मिलकर अपने चिकित्सकीय, मनोवैज्ञानिक, व्यक्तिगत और पारस्परिक कारकों के बारे में बात करके यौन जीवन को संतुष्ट बनाने के लिए मदद मांगते हैं और जानकारी प्राप्त करता है। सेक्स थेरेपी का लक्ष्य लोगों को शारीरिक और भावनात्मक समस्याओं को दूर करने में मदद करना है ताकि सेक्सुअल लाइफ को संतोषजनक और आनंददायक बनाया जा सके। आंकड़े बताते हैं कि वास्तव में 43 प्रतिशत महिलाओं और 31 प्रतिशत पुरुषों को अपने जीवनकाल में सेक्स थेरेपी की जरूरत पड़ती है।
प्रत्येक व्यक्ति को अलग अलग कारणों से सेक्स थेरेपी की जरूरत पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि सेक्स के बारे में सही जानकारी का अभाव, पार्टनर का नौसीखिया होना और अन्य कई कारणों से लोग सेक्स थेरेपिस्ट के पास जाते हैं। हालांकि अपने यौन जीवन या इससे जुड़ी समस्याओं पर बहुत कम ही लोग खुलकर बातें कर पाते हैं। लेकिन कारण चाहे जो भी हो लेकिन सेक्स थेरेपी लेना कई बार बहुत मददगार साबित होता है।
यह एक ऐसी समस्या है जिसके समाधान के लिए ज्यादातर महिलाएं सेक्स थेरेपी के लिए सेक्सोलॉजिस्ट या सेक्स थेरेपिस्ट के पास जाती हैं। स्टडी से पता चलता है कि संभोग का पूरा सुख सभी महिलाओं को नहीं मिल पाता है क्योंकि ज्यादातर महिलाएं चरम सुख (orgasm) तक नहीं पहुंच पाती हैं जिसके कारण उनका यौन जीवन प्रभावित होता है। जबकि कुछ महिलाओं को सेक्स थेरेपी की जरूरत इसलिए भी पड़ती है ताकि वह सही तरीके से समझ सकें कि पति या पार्टनर के साथ किस तरीके से सेक्स करना ज्यादा आनंददायक होता है। इसके अलावा शादी के बाद पहली बार सेक्स करने वाली महिलाएं भी सेक्स थेरेपिस्ट के पास सही पोजीशन के बारे में जानकारी लेने जाती हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कामोत्तेजना या सेक्स की इच्छा में कमी होना आम बात है। पुरुषों के साथ ही बड़ी संख्या में महिलाएं भी यौन इच्छा में कमी की समस्या से ग्रसित हैं। इसके अलावा जो महिलाएं कामकाजी हैं और जिन्हें नौकरी, घर, रिश्ते और बच्चे सभी की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है, ऐसी महिलाओं को सेक्स थेरेपी की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। क्योंकि अधिक तनाव में रहने और शरीर को पर्याप्त आराम न मिलने के कारण शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है जिसके कारण संभोग करने की इच्छा जागृत नहीं होती है। इस कारण महिलाएं सेक्स थेरेपिस्ट के पास जाती हैं।
शारीरिक संबंध बनाते समय आमतौर पर कई बार स्त्री और पुरुष दोनों को दर्द का अनुभव होता है। शुरूआत में दर्द होना स्वाभाविक है लेकिन यदि दर्द लंबे समय तक बना रहे और संभोग का आनंद ना आये तो इसके लिए सेक्स थेरेपी की जरूरत पड़ती है। संभोग के दौरान पुरुषों को लिंग में जबकि महिलाओं को योनि में असहनीय दर्द, योनि में सूखापन, मांसपेशियों में दर्द और जकड़न होती है। इस स्थिति में सेक्स थेरेपिस्ट की मदद लेने से यह पता चल जाता है कि हमें संभोग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।