आओ हुज़ूर तुमको सेक्स खिलोनो की दुनिया में ले चलूँ भाभी के साथ चुदाई का मजा
आओ हुज़ूर तुमको सेक्स खिलोनो की दुनिया में ले चलूँ
वाइब्रेटर सेक्स का मजा मेरी पड़ोसन भाभी लेती थी. एक दिन उन्होंने मुझे सेक्स के लिए बुलाया तो उनकी चूत में मैंने वाइब्रेटर घुसा हुआ देखा.
दोस्तो, मैं राहुल आपको अपनी पिछली सेक्स कहानी से आगे की कहानी में एक बार फिर से स्वागत करता हूँ.
में आपने पढ़ा था कि मैं अपनी मकान मालकिन भाभी के साथ सेक्स कर चुका था और भाभी ने मुझे बहुत पसंद किया था.
भैया विदेश चले गए थे और मैं उन्हें जब तब मौका पाते ही चोदने लगा था.
अब आगे वाइब्रेटर सेक्स का मजा:
भाभी को करीब एक महीने में दस बार चोदा होगा और दूध तो हर दूसरे दिन पिया होगा.
इसी बीच अनलॉक की स्थिति बनते ही सरकार ने कंपनी चालू करने की नियम बनाए.
मेरी कम्पनी ने भी वर्कर के साथ खोलने का प्लान बनाया
मैंने भाभी को बताया- भाभी, मेरी कम्पनी खुलने वाली है और मैं दस दिन तक कम्पनी में ही रहूंगा.
ये सुन कर भाभी बोलीं- अरे यार, अभी तो लड़का जवान हुआ था और तुरंत ही उसका लंड काट दिया.
ये कह कर भाभी ने स्माइल दे दी और बोलीं- अभी 4 दिन तो यहीं है. कुछ बार और घोड़ी चढ़ लेना.
मैं- लेकिन भाभी, मेरे आगे के दिन कैसे कटेंगे?
भाभी- अरे कौन सा जंगल में रहने जा रहे हो. जैसे पहले काट रहे थे, वैसे काट लेना.
ये सब बात हम छत पर कर रहे थे कि तभी उनकी सास की आवाज आई- कहां हो, किसी का फोन आ रहा है.
इतना सुनकर भाभी नीचे चली गईं.
मैं कुछ कर भी नहीं सकता था, तो बस रात होने का इंतजार किया और सो गया.
अगले दो दिन तक कम्पनी की ऑनलाइन मीटिंग ही चलती रही कि कम्पनी को कैसे मैनेज करना है.
उस चक्कर में भाभी से ज्यादा बात नहीं हो पाई.
तीसरे दिन सुबह 8 बजे भाभी ने दरवाजा खटखटाया तो मैं उठा और उन्हें देखा तो खुश हो गया.
मैंने भाभी से पूछा कि क्या हुआ?
भाभी ने धीरे से कहा- सरप्राइज़ है, जल्दी से फ्रेश हो जा.
मुझे लगा भाभी बस मेरा मजा लेने के लिए मजाक कर रही होंगी.
मैं बहुत नींद में था और मुझे मजाक करना कम पसंद आया.
भाभी की जगह कोई और होता तो शायद मैं उससे झगड़ पड़ता.
भाभी चली गईं और मैं रूम में आकर ब्रश करके फिर से सो गया.
करीब 45 मिनट बाद भाभी पूरी सज धज कर आ गईं.
उन्होंने फिर से दरवाजा खटखटाया.
इस बार चूंकि दरवाजा खुला था तो वो सीधी अन्दर आ गईं.
भाभी- क्या हुआ यार … तुम अभी तक ऐसे ही पड़े हो?
मेरी आधी नींद तो पहले ही जा चुकी थी और आधी नींद भाभी को सजी धजी देख कर चली गई.
मैंने बिना कुछ किए हुए भाभी को देखा क्योंकि मुझे लगा कि कही उनकी सास ने कुछ करते हुए देख लिया तो रायता फ़ैल जाएगा.
मैं- भाभी, आप कहीं जा रही हैं क्या?
भाभी मुस्करा कर, मेरे पास आकर बैठ गईं और कहने लगीं- आज पूरा दिन तुम्हारा है.
ये कह कर वो मेरे सर पर हाथ फेरने लगीं.
मैं डर कर बोला- भाभी, कहीं दादी न देख लें.
भाभी मुस्करा कर बोलीं- अरे पगले मैंने आज सुबह ही उन्हें रिया के घर छोड़ दिया है और वो अब शाम को ही आएंगी. घर में कोई नहीं है.
मैं इतना सुनते ही भाभी पर टूट पड़ा, मेरे लिए ये बात जैसे स्वर्ग में अप्सरा चोदने के जैसी बात थी.
भाभी एक अप्सरा सी सजधज कर मेरे सामने थीं और वो बहुत सुंदर लग रही थीं.
मैंने भी देर ना करते हुए तुरंत उन्हें लिटा दिया और उन पर टूट पड़ा.
भाभी- अरे अरे पहले फ्रेश तो हो ले.
मैं- भाभी मैं हो लिया, ऐसा मौका कभी नहीं मिलेगा.
भाभी- आज एक और सरप्राइज है.
मैं रुक कर भाभी को देखने लगा- क्या है भाभी … प्लीज और इन्तजार मत करवाओ.
भाभी मुस्करा कर- मैं अपनी सहेली रिया से मांग कर एक वाइब्रेटर ट्वॉय लाई हूं.
मैं चौंक कर बोला- भाभी, आप लोग एक दूसरे से ये सब भी शेयर करती हो?
भाभी हंस कर बोलीं- अरे हमने बहुत कुछ शेयर किया हुआ है, ये तो कुछ भी नहीं है.
मैंने इसी बीच अपना एक हाथ उनके ब्लाउज में डाल दिया और उनकी एक चूची के निप्पल पर उंगली फेरने लगा.
मैंने उनसे पूछा- भाभी, वो खिलौना कहां है, प्लीज लाइए. आज उसे भी देख लूं.
भाभी ने अपनी चूत की तरफ इशारा किया.
मैंने भी तुरन्त उनकी साड़ी उठा दी और उनकी पैंटी में देखा तो एक पिंक कलर का वाइब्रेटर दिखा.
उसकी वजह से चूत चारों ओर से उभर गई थी.
मैंने तुरंत उसे पैंटी में से निकाला और बोला कि ये तो बस घुसा हुआ था, क्या वाइब्रेट भी करता है?
भाभी- हां ध्यान से देखो, सब मिल जाएगा तुम्हें. बस आज अपनी भाभी को जितना मन उतना चोद लो और तुम्हारा साथ देने वाला भी है आज. बस जब मैं बोलूं, तो थोड़ा रहम कर देना.
मैं हंसते हुए बोला- आज तो मेरे साथ कोई और भी लेगा आपकी.
ये कह कर मैंने वाइब्रेटर के नीचे से उसे चालू कर दिया.
वाइब्रेटर फुल स्पीड से चालू हुआ. चूंकि वाइब्रेटर थोड़ा घुन्न घुन्न्न की आवाज कर रहा था, तो मुझे उसकी स्पीड समझ आ रही थी.
तभी भाभी के मोबाइल पर किसी का फोन आया.
उनका फोन रूम में होने से उनका लड़का उठ गया था और रोने लगा था.
भाभी तुरंत अपने रूम में गईं और अपना ब्लाउज उठा कर उसे दूध पिलाने लगीं.
मैं भी रूम में पहुंच गया तो भाभी ने मुस्करा कर अपना पूरा ब्लाउज खोल दिया.
उनका दूसरा बूब भी बाहर आ गया.
मैं समझ गया कि ये मेरे लिए बुलावा है. मैं भी तुरंत भाभी के दूसरे दूध पर पिल पड़ा.
दोनों को एक साथ दूध पिलाने में भाभी को परेशानी हो रही थी.
भाभी बोलीं- ऐसा है, तू पहले नहा ले … क्योंकि तेरे शरीर से स्मैल आ रही है और किचन में से कुछ खा ले. नहीं तो खाली पेट मजा लेने के चक्कर में कहीं बीमार न पड़ जाए. कल तुझे कम्पनी भी जाना है.
मैं उनकी बता सुनकर उनके दूध से अलग हो गया.
भाभी- तब तक मैं मुन्ना को सुला देती हूँ.
मैं भी तुरंत अपने रूम में गया और जल्दी से नहा कर, भाभी के किचन में आ गया. उधर से खाना लिया और अपने रूम में आकर जल्दी से खाना खाने लगा.
खाना खाकर मैं तुरंत भाभी के रूम में आ गया.
भाभी को सुलाने बगल वाले रूम में ले गई हुई थीं. उनका मोबाइल वहीं पर था.
मैं उसका पासवर्ड जानता था तो मैंने लॉक हटा दिया.
मैंने देखा कि पिंकी भाभी का व्हाट्सएप पर मैसेज आया हुआ था. मैंने बिना ऐप खोले नोटिफिकेशन से मैसेज में पढ़ने लगा.
पिंकी- लल्ला को थोड़ा धीरे ही चलाना, तेज होने पर थोड़ा दर्द हो सकता है और आज लल्ला से पूरे मजे ले ले. यार मेरे से भी अब नहीं रहा जाता, तेरे और लल्ला दोनों को एक साथ खेले काफी टाइम हो गया. जल्दी ही प्लान बनाते हैं. आल द बेस्ट.
मैं तब कुछ समझ नहीं पाया, मुझे लगा कि वो भाभी के लड़के को लल्ला बोल रही होंगी.
फिर मैंने मोबाइल बंद करके रख दिया और भाभी को देखने बगल वाले रूम में गया.
भाभी धीरे से बोलीं- पहले गोली खा ले, नहीं तो मुझे आधे रास्ते अकेला छोड़ देगा.
मैं तुरंत गया और सेक्स की गोली खा ली.
तब तक मुन्ना सो गया था, फिर भी भाभी वहीं बैठी थीं.
मैं तुरंत भाभी के पास गया.
भाभी ने अपने चूचे मेरे सामने कर दिए.
मैंने भाभी से अभी पीने से मना कर दिया और कहा- भाभी, आज कुछ अलग करते हैं.
मैंने उन्हें एक पोर्न वीडियो दिखाया, जिसमें एक जापानी लड़की अपने बड़े दुधारू चूचों को रस्सी से बांध कर चुदवा रही थी.
भाभी- यार, इसमें कहीं दर्द न हो.
मैं- अरे भाभी, मैं इतना जालिम थोड़ी हूँ, जो अपनी प्यारी भाभी को कष्ट दूंगा.
भाभी राजी हो गईं और कमरे में से एक कपड़े वाली रस्सी ले आईं.
मैंने बहुत कोशिश की लेकिन मैं सही से बांध नहीं पा रहा था.
मैंने रहने दिया.
अभी धीरे धीरे दवा ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था.
मेरा लंड अकड़ने लगा था.
मैं भाभी को उनके रूम में ले गया.
पहले मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट को उतार दिया.
भाभी लाल ब्लाउज और पैंटी में बहुत कयामात माल लग रही थीं.
मैं भी देर ना करते हुए, उन्हें किस करने लगा और वो भी पूरा साथ देने लगीं.
भाभी- अरे जल्दी में कहीं लल्ला को भूल मत जाना.
मैं- भाभी लल्ला तो बगल वाले रूम में सो रहा है न?
भाभी मुस्करा कर- अरे प्यारे, मैं वाइब्रेटर की बोल रही थी.
मुझे अब समझ में आया कि पिंकी भाभी बच्चे की नहीं, वाइब्रेटर की बात कर रही थीं और ये दोनों एक साथ लेस्बियन भी कर चुकी हैं.
मैंने भी बाइब्रेटर लेकर फुल स्पीड में उनकी चूत डाल दिया.
भाभी ने उछल कर उसे निकाल दिया और बोलीं- अरे यार, पहले बाइब्रेटर को थोड़ा धीरे से स्टार्ट करो.
फिर मैंने बाइब्रेटर की स्पीड को स्लो कर दिया और फिर से चूत में दे दिया.
भाभी की आंखें बंद होने लगीं और मैं भी उनके चूचों पर टूट पड़ा.
अपना एक हाथ भाभी की चूत पर वाइब्रेटर के साथ लगा दिया.
भाभी भी मजे में मेरे सिर पर हाथ फेरने लगीं और मादक सिसकारियां लेने लगीं; भाभी कहने लगीं- बहुत दिनों बाद लल्ला से मुलाकात हुई है.
इसी के साथ में ही भाभी मेरी बनियान भी उतारने लगीं.
भाभी अब पूरी तरह से चुदने को तैयार थीं और मैं भी दवा के पूरे असर के साथ एकदम रेडी था.
वे बोलीं- अब रहा नहीं जाता, प्लीज … आ जाओ.
मैं समझ गया और वाइब्रेटर को भाभी की चूत से निकाल कर उसे उनकी गांड में डालने लगा.
भाभी बोलीं- पीछे आराम से, उधर से मेरा पहली बार है. प्लीज आराम से करना.
मैंने साइड में रखी तेल की शीशी से तेल लेकर वाइब्रेटर पर लगाया और उसे गांड के अन्दर करने लगा.
थोड़ी मुश्किल से वो वाइब्रेटर भाभी की गांड में अन्दर गया और वहीं सैट हो गया.
मैंने उसे स्लो स्पीड पर चालू कर दिया और खुद आगे से भाभी की चूत चाटने लगा.
वाइब्रेटर सेक्स का मजा लेती हुई भाभी एकदम से उछल गईं और तेज़ी से सांस लेने लगीं.
मैंने भी अपने दोनों हाथ से भाभी के पैरों को पकड़ा और अपनी जीभ अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ ही देर में भाभी की चूत भलभल पानी छोड़ रही थी और मैं भी मजे में चूत चाट रहा था.
अब हम दोनों 69 में हो गए.
जब मेरे से और नहीं रहा गया तो मैंने अपना लंड सीधे उनकी चूत लगा कर थोड़ा रगड़ा और एक ही बार में पूरा लंड चूत के अन्दर डाल दिया.
भाभी की सिसकारियां तेज होती जा रही थीं. वो एक हाथ से खुद ही अपने मम्मों को दबा रही थीं और दूसरे से बिस्तर की चादर को कसके पकड़ी हुई थीं.
उनकी चूचियों में से दूध भी निकल रहा था.
मैं भी भाभी को लिटा कर ही चोद रहा था.
मुझे भी वाइब्रेटर की कंपन से मजा आ रहा था तो मैंने उसकी गति को थोड़ा और तेज कर दिया.
भाभी भी कुछ नहीं बोलीं, वो पूरे मजे ले रही थीं.
पूरे कमरे में बस भाभी की ‘उह आह … और तेज … आह बड़ा आज मजा आ रहा है … आह आह चोदो …’ की आवाज आ रही थी.
फिर करीब 5 मिनट बाद भाभी बोलीं- प्लीज … और तेज और तेज … मेरा होने वाला है … आह आह!
वो आवाज देती हुई और कमर के झटके मारती हुई झड़ गईं.
लेकिन मैं अभी झड़ने के झ तक भी नहीं आया था.
भाभी झड़ने के बाद थोड़ा शांत हो गई थीं. मैं भी चूत में गीलापन हो जाने के कारण थोड़ा रुक गया.
मैं अपने लंड को चूत में ही रखे हुए उनके मम्मों पर टूट पड़ा.
भाभी के मम्मों से दूध की धार मेरे मुँह में आने लगी और मैं उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसकर खाली करने लगा.
भाभी ने हाथ नीचे करके वाइब्रेटर को बंद कर दिया और मुझसे ऐसे ही बात करने लगीं- आज पहली बार दोनों छेदों में मैं एक साथ लेकर झड़ी हूं, बहुत मजा आया. काश तू रोज ऐसे ही मिल जाया कर. तेरे भैया के साथ भी कभी इतना मजा नहीं आया. लल्ला का असली मजा तो तेरे साथ ही है, काश पिंकी भी साथ में होती तो और मजे आते.
मैं भाभी के दूध छोड़ कर उनसे पूछने लगा- क्यों भाभी, आपका पिंकी भाभी से भी चलता है क्या?
भाभी मुस्करा कर बोलीं- हां, हम दोनों पहले साथ में एक दूसरी की में उंगली करके मजा किया करती थी. फिर हमने लल्ला को मंगवाया था, अब हमारी चुदाई में और भी मजे आने लगे. ये लम्बी कथा है, पहले तुम अपना काम कर लो, फिर तुम्हें फुर्सत में बताती हूँ.
मैं फिर से भाभी की चूत चाटने लगा और उनको गर्म करने लगा और दूसरी हाथ से उनकी नाभि को सहलाने लगा.
कभी हाथ चूचे पर, तो कभी नाभि पर, कभी चूत पर, कभी उनके चूतड़ों पर … ऐसे ही 2-3 मिनट तक चलता रहा.
मेरा लंड पूरी तरह से फूल चुका था. नसें भी उभार खा रही थीं.
भाभी बोलीं- चल अब तू लेट जा.
मैं लेट गया और भाभी मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर अन्दर बाहर करने लगीं.
उन्होंने वाइब्रेटर को मीडियम स्पीड पर चालू कर दिया.
अभी भाभी धीरे धीरे कर रही थीं तो मैंने उन्हें थोड़ा ऊपर उठने को बोला और भाभी की कमर पकड़कर खुद तेजी से चूत में लंड अन्दर बाहर करने लगा.
भाभी के चूचे गजब उछल रहे थे और उनमें से दूध भी टपक रहा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
भाभी मेरा पूरा साथ दे रही थीं, साथ ही उनकी सिसकारियां और लल्ला की कंपन मुझे जन्नत की सैर करा रही थी.
इस तरह से हम दोनों ने अलग अलग पोजीशन में काफी देर तक चुदाई का मजा लिया.
आज भाभी करीब आधे घंटे में 3 बार झड़ चुकी थीं.
मैं अभी भी जारी था.
फिर मैंने लल्ला को फुल स्पीड पर कर दिया तो भाभी कराह कर बोलीं- आंह प्लीज उसे कम कर दो यार … दर्द हो रहा है.
मैंने उसे मीडियम पर ही कर दिया और भाभी को डॉगी स्टाइल में खूब चोदा.
डॉगी स्टाइल में ही मैं भाभी के चूचे पकड़कर खींचने लगा.
भाभी को थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन वो कुछ नहीं बोलीं क्योंकि उनको लगने लगा था कि अब मेरा होने वाला होगा.
लेकिन मैं दवा के जोर पर अभी भी चल रहा था.
फिर मैंने भाभी की चूत में सामने से लंड पेल कर उन्हें चोदा.
मैं पूरी तरह थक चुका था मगर लंड अभी भी पूरी तरह से खड़ा था.
मेरी स्पीड को देख कर भाभी समझ गईं कि मैं थक गया हूँ, तो वो मुझे लिटा कर खुद मेरे ऊपर लेट गईं और आगे पीछे होने लगीं.
उनके चूचे मेरे सीने से रगड़ खा रहे थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. अब तक वाइब्रेटर भी अपनी गति धीमी कर चुका था.
अब मेरा निकलने वाला था तो मैं वैसे ही बड़बड़ाने लगा और भाभी के चूतड़ पकड़कर लेजी से लंड आगे पीछे करने लगा.
भाभी भी खूब तेज तेज सिसकारियां लिए जा रही थीं मानो उनका भी निकलने वाला ही हो.
फिर करीब 40-45 झटके देने के बाद मैंने भाभी को कसके बांहों में जकड़ा और तेजी से चुदाई करने लगा.
भाभी ने भी मुझे तेजी से पकड़ लिया और झटके देने लगीं.
मैं उनकी चूत के अन्दर ही झड़ गया. हम दोनों का एक साथ झड़ गया था. इससे हम दोनों एक साथ ढीले पड़ गए और भाभी मेरे ऊपर ही पड़ी रहीं.
आगे आपको भाभी की चुदाई का किस्सा भी पढ़ने मिलेगा.
आपको मेरी देसी भाभी चुदाई कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मेल करके जरूर बताएं.
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