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ट्रैन में आंटी की चुदाई
हमारी सुबह 7 बजे की ट्रेन थी और वक़्त अनुसार हम वह जा चुके थे। हम सभी ट्रैन में गए और अपनी सीट अनुसार बैठे । हम 4 दोस्त थे जिसमें 2 लड़के और 2 लड़किया थी । मेरा दोस्त जिसका नाम रोनी था वो ओर उसकी गर्लफ्रैंड मानवी दोनो ऊपर की सीट पर थे और म ओर एक लड़की रुचि नीचे वाली पर थे । और हमारे नीचे भी 1 लड़की और उसकी मम्मी थी । दरसल वो लोग भी श्रीनगर है जा रहे थे । लड़की अच्छी थी परंतु उसकी माँ ही चुदाई करने लायक थी ।
गद्देदार बदन मोटे स्तन ओर गांड तो पूछो है मत एक दम मटकती हुई ऐसी की कोई भी देखे तो लन्ड खड़ा हो जाय।
अब आपको तो पता ही होगा कि ट्रैन में सब खाना एक साथ ही खा लेते ह । तो मनवी ओर रोनी एक साथ थे और रोमांस कर रहे थे और हम दोनों नीचे उन दोनों के साथ वाली सीट पर बैठे गए । क्योंकि मेरे साथ रुचि थी तो हमने आंटी से सीट शेयर कर ली । ये सब रुचि ने पूछा था तो उनको मुझ पर कोई शक नही हुआ । वो आंटी भी रुचि से बात करने में लगी हुई थी । मैं बस उनको देख रहा था और उनकी बातें सुन रहा था । फिर हमने सब ऐसे ही बात करते करतेथोड़ी दोस्ती कर ली । मैने देखा की आंटी बात करते करते थोड़ी अजीब बर्ताव कर रही थू। फिर बोली कि मैं वाशरूम होके आयी । मैं भी हाथ धोने जाने वाला था ।
मैने कहा रुचि मैं हाथ धोके आया और तुम्हारे लिए कुछ लाना है तो बता दो ।रुचि बोली नही तू बस ध्यान से वापस आ जाना और हँसने लग गयी । वो बस थोड़ा मजाक कर रही थी,मैं तो वहां से चल दिया। रुचि ओर वो लड़की दोनो बात करने लग गए । मैं गया और वाशरूम में बिना कुछ बोले घुस गया मुझे लगा आंटी दूसरे में है क्योंकि दरवाजा बन्द नही था अंदर जाते ही मेरी आँखें फटी रह गयी। मैं देखा की आंटी नंगी होकर चुत में उँगलु दे रही थी और मुजे देख कर घबरा गई । मैं भी देखते ही हैरान रह गया । मैं तुरंत बाहर आया और वापस आकर सीट पर लेट गया और थोड़ा डर गया कि आंटी क्या कहेगी ।
कुछ देर में वो आयी और बैठ गयी और वो 3 बाते करने लग गयी ओर थोड़ी देर बाद रुचि से बोली अमन ने कुछ कहा क्या ?रुचि बोली नही आंटी कुछ नही कहा। फिर बोली कि कुछ हुआ क्या आंटी ने कहा कुछ नही । रात बहुत हो गयी थी तो रुचि सो गई लेकिन मैं अब भी हैरान था । मैं उठा और वाशरूम में जाने लगा । मैन सोच लिया था कि आज हिला कर सोना पड़ेगा । मैं चला गया और गेट बंद कर दिया । और बैठ कर आराम से आंटी को सोच कर हिला रहा था । तबि किसी ने गेट बजाया उस वक़्त रात थी और सब सो रहे थे तो मुजे लगा कोई आ गया होगा गलती से मैं फिर से मुठ मारने लगा फिर किसी ने दुबारा बजया ।
मैं ग़ुस्से में आ गया और गेट खोला तो सामने आंटी थी ।इससे पहले कुछ पूछता वो अंदर आगयी ओर गेट बंद कर दिया । मैने पूछा आप यहाँ क्या कर रही हो बोली कि मैं कर्ज अदा करने आई हूं । मैने पूछा कैसा कर्ज बोली कि तुमने मुझे उंगली करते हुए देख लिया और बिना बोले चले गए । मुझे लगा तुम मेरी बेटी से बात कह दोगे पर तुमने ऐसा नही किया । इसलिए मैं तुम्हे कुछ देना चाहती हु । ओर ये बोलते है उन्होंने मेरा सर पकड़ कर अपने चुच्चो में दबा दिया । मैं अब थोड़ा नशे में आ गया और साडी के ऊपर से ही उन्हें चूसने लगा। वो भी अब मदहोश होने लगी थी।कुछ मिनट के बाद मैं हट गया।
मैने बिना देरी किये उनकी साडी निकाल दी । और उनने मेरी टी शर्ट ओर लोअर निकाल दिए । मैने उनके होंठ चूसे ओर रुक नही रह था । करीब 10 मिनट के बाद मैं उनके निप्पल्स पर आ गया। और काटने ओर चूसने लगा और वो ममम यसससस्स ओईई करने लगी । अब मुझसे रुका नही जा रहा था तो मैने उनकी पैंटी फाड़ दी और चूत पर टूट पड़ा जैसे कोई भूक लगी हो। वो बस ससीईई अहह हहहहहहहह मममममममम कर रही थी।और कुछ देर बाद मैं उनके दाने को काट रहा था और चूस रहा था। तो वो पूरे मूड में आके मेरा सर दबाने लगी और मैं उनकी चूत में जीब देने लगा। क्या मजा आ रहा था मैं बया नही कर सकता।
उनकी चूत गीली होने लग गयी थी और पानी भी आने लगा था । वो स्वाद में ला जवाब था। फिर मैंने आंटी से कहा आपको कैसा लगा वो बोली कि आज तक उन्हें इतना मजा कभी नही आया । मैने पूछा आपके पति की तो जिंदगी जन्नत होगई होगी । बोली कि वो अब नही रहे वो किसी ओर के साथ रहते है। मुझे बहुत दुख हुआ और मैन कहा सॉरी भी कहा उनने कहा कोई नही तुम आज मुझे जन्नत दिला दो। मैं खुश हो गया और फिर कहा क्यों नही । उसके बाद आंटी ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और लंड को देख कर बोली आ मजा आ जाएगा । बहुत दिन के बाद कोई लंड मिला है और वो भी इतना सुंदर और मोटा तगड़ा ।
मैने कहा अब आप जो चाहे कर सकती हो आपका है सब। वो एक स्माइल देके घटनो पर बैठ गयी और लंड को हिलाने लगी। मुझे बहुत मजाआ रहा था।फिर उन्होंने लंड को एक प्यार भरी किस दी । और बोली अब मैं इसको खा जाउंगी।मैं भी बस यही चाहता था। वो पूरे मजे में लंड चूस रही थी और जैसे ही ट्रेन थोड़ी हिलति मेरा लंड उनके गले के अंदर तक चला जाता और एक गजब ही अहसास होता । करीब 5 मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैने कहा आंटी कहा निकलू बोली चूत पर निकाल दो मैने यही किया। । अब बोली कि अब शुरू करते है जो करने आये है।मैने कहा है क्यों नही। ओर बस उनने तो लंड मुह में लिया ओर चूसा वो वापस खड़ा हो गया। बोली अब डाल दो अंदर आग लग रही है।
मैने भी देर नही करी ओर टोपा चूत के दाने पर रख दिया और एक धक्का मारा और आंटी थोड़ी चीखी मैने कहा आप क्यों चीखी । बोली कि सालो से नही चुदी। मैने एक ओर धक्का मारा और पूरा लंड अंदर डाल दिया। आंटी की आँख से आंसू आ गए। फिर मैं थोड़ा रुक गया और जब आंटी थोड़ी सही हुई मैने धीरे धीरे चोदना शुरू किया । अब उनको भी मजा आ रहा था वी सिसकिया भर रही थी। फिर मैंने उनकी एक टांग को कंधे पर रख लिया और कमर हिलाने लगा । आंटी को बीच बीच मे मैं किस कर रहा था।वो धीरे धीरे उफ्फ्फ आहह सस्सससीई मम्म्म्म्ममम्म कर रही थी और करीब 10 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद जब मैं झाड़ने वाला था मैंने कहा कहा तो आंटी तुरंत चूत से लंड निकल कर मुह में ले गयी ।
और इतनी जोर से चूस रही थी मानो कोई लॉलीपॉप हो मैं 5 या 6 झटको में ही झाड़ गया और वो सारा पी गयी और लंड को चूस चूस कर आखरी बून्द तक निकाल ली। फिर हम उठे और जाकर सो गए। अगली सुबह हमने नाश्ता साथ किया और रुचि से पूछा कि बेटा तुम कहा जाओगे उसने बताया हम किसी होटल में रुकेंगे तो वो भी बोली कि हम भी घूमने है आये है।तो रुचि ने कहा आप हमारे होटल में है चल लो वो बोली है यही सही रहेगा । इसके बाद उनने मुझे शरारती स्माइल दी । दोस्तो यही थी मेरी कहानी । अगले भाग में मैं बताऊंगा की कैसे मैने उनकी गांड मारी।